Tuesday, April 14, 2009

परिचय



नाम.. आनन्द शर्मा
जन्म.. १२ अगस्त, १९३७
जन्म स्थान..बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)
प्रकाशन..प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाऐं प्रकाशित,
गीत संकलन प्रकाशनाधीन.
देहावसान..९ मई, २००७



आनन्द
शर्मा एक ऐसे अन्तर्मुखी रचनाकार हैं, जिनके गीतौं में उनका समकालीन दौर पूरी सघनता से मुखर हुआ है. अनुभूतियौं को सटीक भाषा में व्यक्त करने की उनकी क्षमता अदभुत है. उन्होंने बहुत अधिक नहीं लिखा हैं, कारण उनकी सोच इतनी स्पष्ट है कि एक विचार या अनिभूति को व्यक्त करने के लिये उन्होंने दस-बीस गीत नहीं लिखे. उन्होंने उसे पूर्णता के साथ एक ही गीत में व्यक्त किया है. उनकी रचनात्मक क्षमता और प्रगाढ़ संवेदनशीलता के कारण ही यह सम्भव है कि विचारों में सघनता के पश्चात् भी उनमें उलझाव नहीं है. उनके गीतों का कथ्य समकालीन होकर भी सर्वकालीन लगता है. देह रूप में वे अब हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन अपनी रचनाओं के रूप में सदा हमारे साथ रहेंगे. यह ब्लाग उन्हें एक विनम्र भावांजलि हैं.

18 Comments:

At 12:11 AM, Blogger रश्मि प्रभा... said...

मेरी भी विनम्र भावांजली .................

 
At 2:17 AM, Blogger सर्वत एम० said...

आज का दौर ऐसा है जिसमें लोग खुद के अलावा किसी अन्य को रचनाकार मान तो लेते है लेकिन अपने से कमतर. एक दिवंगत, समर्थ रचनाकार के लिए एक ब्लॉग का समर्पण, इस युग में, विश्वास नहीं होता लेकिन आंखन देखी को झुटलाना भी सम्भव नहीं. यार, तुम महान शायर ही नहीं, बहुत बडे इन्सान हो. ५ दिन पहले, डेढ़ दिन आगरा में गुज़ार कर आया था. उस वक्त परिचय नहीं था वरना ऐसे इन्सान का दर्शन किये बगैर लौटने का सवाल ही नहीं उठता था.
( जो मेरे दिल में होता है वही शब्दों में होता है
खुशामद, चापलूसी, पांव छूना , मैं नहीं करता)

 
At 1:56 AM, Blogger Arvind Gaurav said...

apne bhavanjali me meri bhi ek aawaz shamil kar le

 
At 7:21 AM, Blogger निर्मला कपिला said...

आपका ये बलाग भी पहली बार देखा पिछली कुछ रचनायें पढी कमाल की अभिव्यक्तियाँ हैं आपकी कलम को सलाम
इस पोस्त के लिये मेरी भी विनम्र श्रद्धाँजली आभार्

 
At 3:37 AM, Blogger admin said...

Aanad ji mil kar achchha laga. Shukriya.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }</a

 
At 10:59 AM, Blogger Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

मेरे तरफ से भी विनम्र श्रद्धाँजली |

आपकी कवितायें भी अच्छी लगी |

 
At 12:16 AM, Blogger लता 'हया' said...

shukriya

 
At 11:55 AM, Blogger बेरोजगार said...

मेरे ब्लॉग के समर्थन में आप आये इस के लिए मैं बहुत आभारी हूँ. आशा है भविष्य में भी आप का आशीर्वाद पाता रहूँगा और आप के लेखनी "रस" का रसास्वादन होता रहेगा.

 
At 2:15 AM, Blogger आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq' said...

मेरी विन्रम श्रधांजलि ! अधभुत काव्य ,जीवन धन्य हुआ

 
At 5:09 AM, Blogger Arshia Ali said...

हार्दिक श्रद्धांजलि।
( Treasurer-S. T. )

 
At 6:54 AM, Blogger Mumukshh Ki Rachanain said...

दोस्त का परिचय कराना और उसके लिए ब्लाग का समर्पण निश्चय ही एक यग्य है.
साधुवाद.
आनंद शर्मा जी को मेरी भी विनम्र श्रद्धांजलि.

 
At 9:55 AM, Blogger कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 said...

साधुवाद गौतम जी , क्या बात है !आप एक दिवंगत रचनाकार के नाम पर ब्लॉग चला रहे हो ,अविस्वस्नीय कार्य
उत्साह वर्धन के लिए धन्यवाद ॥

 
At 12:31 PM, Blogger जहान said...

mre blog par aa kar hausla afzai ke liye shukriya

 
At 1:05 AM, Blogger Murari Pareek said...

कला के पुजारी आनंद शर्मा को भाव भीनी श्रद्धांजलि !!

 
At 9:22 AM, Blogger पंकज said...

हमारा आस पास गुणी लेखक कवियों से भरा हुआ है, पर अनेक हम तक नहीं पहुँचते या हम उन तक नहीं पहुँचते. आपने ऐसे ही गुणी कवि से परिचय कराया. धन्यवाद. आदर.

 
At 2:22 AM, Blogger Prem Farukhabadi said...

मेरी भी विनम्र भावांजली ...

 
At 10:47 AM, Blogger हरकीरत ' हीर' said...

मेरी भी विनम्र भावांजली ...!!

 
At 10:41 AM, Blogger kshetrapal Sharma said...

यह ब्लोग मैंने देखा .
मुझे कानपुर मैं बिताए उन दिनों की याद हो आई जब ई एस आई की पहली हिंदी पत्रिका " सुविधा " हमने निकाली , जिसकी प्रतियां , उस कार्यालय के पुस्तकालय में रखीं हैं , आनंद शर्मा जी ने एक कविता मुझे दी , जो उसमें है " शायद आंखों में ही रात बिता डाली " एसे थे उस गीत के बोल .
बहुत श्रेष्ठ ....क्षेत्रपाल शर्मा अलीगढ

 

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